पीराने कलियर यानी दरगाह हज़रत मख़दूम अली अहमद अलाउददीन साबरी पाक पूरी दुनिया में मानी और पहचानी जाती है,
अहम बात यह है कि पीराने कलियर से ना सिर्फ मुस्लिम बल्कि बड़ी तादाद में हिन्दू, सिख, ईसाई समेत सभी मज़हबों के मानने वाले श्रद्धा रखते हैं दरगाह पर हाज़िरी देते हैं,
इस खबर का चौकाने वाला पहलू ये है कि जो काम ब्रिटिशों और सत्तर साल से आती जाती रही सरकारों ने नहीं किया, वो काम गुज़रे हफ्ते बीजेपी सरकार ने करने की कोशिश शुरू करदी,
यानी दरगाह साबिरे पाक का दान में आये पैसे को हड़पने की कोशिश शुरू करदी,
ये साज़िश बड़े ही गुपचुप तरीके से की जा रही थी, लेकिन किसी तरह खबर लीक हो गई,
सरकार की साज़िश लीक होते ही मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया,
दरअसल उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड पीएम केयर फण्ड के बहाने दरगाह के पैसे को हड़पने की फिराग़ में लगा है,
पीराने कलियर यानी दरगाह हज़रत मख़दूम अली अहमद अलाउददीन साबरी पाक पूरी दुनिया में मानी और पहचानी जाती है,
अहम बात यह है कि पीराने कलियर से ना सिर्फ मुस्लिम बल्कि बड़ी तादाद में हिन्दू, सिख, ईसाई समेत सभी मज़हबों के मानने वाले श्रद्धा रखते हैं दरगाह पर हाज़िरी देते हैं,
इस खबर का चौकाने वाला पहलू ये है कि जो काम ब्रिटिशों और सत्तर साल से आती जाती रही सरकारों ने नहीं किया, वो काम गुज़रे हफ्ते बीजेपी सरकार ने करने की कोशिश शुरू करदी,
यानी दरगाह साबिरे पाक का दान में आये पैसे को हड़पने की कोशिश शुरू करदी,
ये साज़िश बड़े ही गुपचुप तरीके से की जा रही थी, लेकिन किसी तरह खबर लीक हो गई,
सरकार की साज़िश लीक होते ही मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया,
दरअसल उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड पीएम केयर फण्ड के बहाने दरगाह के पैसे को हड़पने की फिराग़ में लगा है,
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