इण्डिया किस हद तक डिजिटल हो गया है इसका एक नया सबूत हम आपको दिखाते है। जी अब किसी भी मरीज का इलाज करने के लिए आपको डाक्टरी पढ़ने की जरूरत नहीं रही, बस आप किसी सरकारी डाक्टर से सैटिंग कर लीजिये ओर फिर लिखने लगिये दवाईयां। हम बात कर रहे हैं अखिलेश यादव के उत्तम प्रदेश के जालौन जिले के उरई सरकारी अस्पताल की, यहां आने वाले मरीजों का इलाज तैनात डाक्टरों की जगह कोई भी बाहरी व्यक्ति कर सकता है बस उसकी जेब में दम होना जरूरी है। गुजरी 22 फरवरी को जब एवीएन प्रतिनिधि राहुल गुप्ता जिला अस्पताल पहुचे तो डॉ अरविन्द अवस्थी के केबिन में डॉ के सामने रविन्द्र जैन नामक युवक मरीजों को दवाईयां लिख रहा था, दवाईयां भी अस्पताल की नहीं बल्कि बाहरी और मंहगी इस बाबत जब राहुल गुप्ता ने डॉ अरविन्द अवस्थी से पूछा की रविन्द्र कौन हैं और किस पद पर हैं तो पूछने पर डॉ अरविन्द अवस्थी ने बताया कि मै रविन्द्र नाम के किसी व्यक्ति को नही जानता हूँ। सीएमएस को तलाशा तो वह भी अस्पताल में नहीं मिले फोन रिसीव नहीं कर रहे इससे साफ हो जाता है कि सब कुछ सीएमएस की इच्छा से हो रहा है।
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