उत्तर प्रदेश की 120 भोजीपुरा से विधायक रहे शहजिल और बहोरन की कारगुज़ारी की कुछ और तस्वीरें आपके सामने हैं। शहजिल इस्लाम को गुलाम जनता ने विधायक चुना सरकार ने मंत्री की कुर्सी भी दी। लेकिन दो बार चुने जाने के बावजूद शहजिल ने मोटी कमाई का रोज़गार देने वाली गुलाम जनता को पलटकर नहीं देखा। इसके बाद दो बार बहोरनलाल मौर्या को मालामाल बनने का मौक़ा दिया। लेकिन ये महाशय तो जीतने बाद लापता होने के माहिर हैं। ये जो तस्वीरें आप देख रहे हैं ये तस्वीरे है बरेली के थाना सीबी गंज के गांव तिलियापुर की। तस्वीरों में दिख रहा मोदी योगी का बे मिसाल विकास आपके सामने है। बतादें कि मोदी की सोच ईमानदार काम दमदार की ये ज़मीनी हक़ीक़त दर्जन भर गांवों को जोड़ने वाले रास्ते की है। अखिलेश और योगी के विकास की जीता जागता सबूत है ये सड़क। 1996 में लोगों ने बहोरनलाल पर भरोसा जताया लेकिन बहोरन लाल ने पांच साल माल कमाने में ग़ुज़ार दिये। 2002 में गुलाम वोटरों ने समाजवादी पार्टी पर भरोसा करके वीरेन्द्र सिंह को माल काटने का अधिकार दिया ये महाशय भी गायब रहे। 2007 में बीएसपी और 2012 में समाजवादी पार्टी के नाम पर शहजिल इस्लाम की दुकान खुली यहां तक कि मंत्री की कुर्सी भी हाथ लगी। लेकिन दोनों बार शहजिल ने जमकर माल काटा। इधर की तरफ़ नहीं देखा। 2017 के चुनाव में ईवीएम माता के चमत्कार से बहोरनलाल को बजट ठिकाने लगाने का दोबारा मौक़ा मिल गया। इस बार बहोरनलाल पर वोटरों का कोई एहसान नहीं था क्योंकि 2017 में ईवीएम ने विधायक बनाया था इसलिए जनता की चिन्ता करने का कोई औचित्य ही नहीं था। दरअसल भारत के खददर धारी अच्छे से जानते हैं कि जनता गुलाम है। वोट देना गुलामों की मजबूरी है तो देंगे ही। जीते कोई भी हैं सब चोर चोर मौसेरे भाई। UP Election 2022. 120 bhojipura. Bahoranlal. Shahjil islam
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